!! दर्द ए जुदाई !!
अब मै हंसने के काबिल न रहा
दर्द ए जुदाई मुझ पर भारी पड़ा ।
इश्क़ मेरा अब वाजिब न रहा
विरह से दिल मेरा भरा पड़ा ।
गुम हुई वो मेरी सुकुं कि रातें
आंखो का सपना भी बिखरा पड़ा।
...
दर्द ए जुदाई मुझ पर भारी पड़ा ।
इश्क़ मेरा अब वाजिब न रहा
विरह से दिल मेरा भरा पड़ा ।
गुम हुई वो मेरी सुकुं कि रातें
आंखो का सपना भी बिखरा पड़ा।
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