...

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Nadaniyaan...🌿
हार कर ख़ुद से कैसे जी लेती हूं
अपने आसू ख़ुद ही कैसे पी लेती हूं
मुझे नहीं आता इस अकेलेपन से अब लड़ना
जब सब लगे बेगाने तो क्यूं ना हो अब आगे बड़ना
कुछ ऐसे फैसले है जो बस औरों के साथ के लिए ही किए
जब वो लोग ही नहीं समझे तो क्यूं ही ये ज़िंदगी ऐसी जीए
क्या मिल पाएगी मुझे अब ऐसी कोई चिंगारी
जिससे लग जाए आग मन में और जीत लू दुनिया सारी
क्या मै चमकूंगी कभी सूरज जैसे
इन छोटे मोटे मुद्दों से कैसे बढू मैंआगे
क्या मै अब धन्य हो पाऊंगी कृष्ण को पाके
क्या कर लू ख़ुद से एक पक्का वादा
क्या जीत पाऊंगी कभी इतना पक्का है मेरा इरादा
टूट कर अंदर से कैसे जुड़ते हैं
अंधेरे से उजाले की और कैसे मुड़ते है
कैसे समझे की कौन है अपना और कौन पराया
क्या खोकर हमने क्या है पाया
यह लड़ाई ख़ुद की है ख़ुद ही लड़ना है मुझको
ख़ुद ही अब आगे हिम्मत से बढना हैं मुझको
साथ क्या कोई किसी का है दे पाया
क्या किसी ने पराए दर्द को कभी अपना बनाया
चाहिए क्या तुझको ये पता है जीवन से
कैसे लड़ना है इस बेइमान मन से!!🌿

#wtitcopoem
#mann
#irade dil k aur nadaniyaan mann k
#bahut hurt hota hai jab aap kisi
ko apna bachpana girvi rakh uske liye
badalne ki koshish kare...☹️
aur vo Puri taiyaari kare khilone
ko todne ki tab kya kare ??
#broken from inside it's really hits hard
when you want to come out but way is blocked...
#sad
#🌿💚!?..