...

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सावन आया
सावन के माह में ,
भोले नाथ का डमरू बाजे ,
बादल आए गरज - गरज कर ,
मेघा अपने संग लाए ।
वर्षा आई झमक- झमक के ,
पक्षी भी गुन - गुनाएं ,
मन होता है इसे पूरा पीलू,
भोले नाथ का अमृत कंढ जाए।
भगवान की इस देन से ,
मेरा मन हर्षाए ,
उल्लास प्रचलित हुआ मन में,
और कविता बन मुख आए,
कहे नेहा अब तो आ गए नाथ ,
उनकी वंदना में जीवन समर्पित हो जाए।।




© nehachoudhary