...

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छिपना छूपाना
छिपना छिपाना प्रियवर जो तुम खेल रहे हो मेरे संग
तड़प तड़प कर ढूंढू इधर मै छिपे हुए हो कही जो तुम
आंख से आसू झर झर बहते कहते हर पल बात ये तुझसे
ढूंढू ढूंढू मैं अगर गुम हो जाऊं तो रोएगा तू सर रखकर किसपे

हरगली हर मोहल्ले को देखा हर घर के मैं कोने को देखी
मिला न मुझको कही पर भी तू फिर सिसक सिसक कर रोने लगी
सूरज को...