ये जिंदगी..
ये जिंदगी कई ठोकर दे गई,
हम उठे पर फिर एक नई ठोकर मिल गई,
संभले भी ऐसे कि फिर अँधेरों से घिर गए,
तेरे जाने का गम तो ना था पर,
पर संभल कर हम फिर एक गलती कर गए,
ये गलती किसी विश्वास की नहीं थी,
ये तो...
हम उठे पर फिर एक नई ठोकर मिल गई,
संभले भी ऐसे कि फिर अँधेरों से घिर गए,
तेरे जाने का गम तो ना था पर,
पर संभल कर हम फिर एक गलती कर गए,
ये गलती किसी विश्वास की नहीं थी,
ये तो...