दुनिया के रंग या खुद के
कुछ लोगों को बस खुद की ही फिकर होती हैं,
ताउम्र बस खुद की जिंदगी में रही कमियों पर ही नजर होती हैं,
आस पास की जिंदगी से कोई सरोकार नहीं होता उन्हे,
और कहते है उन्हे दुनिया के लोग बड़े स्वार्थी होती है,
जिंदगी कहती हैं, नजर आगे तो बढ़ा, नजारे , अनुभव और भी बहुत होती है,,,,,
ताउम्र बस खुद की जिंदगी में रही कमियों पर ही नजर होती हैं,
आस पास की जिंदगी से कोई सरोकार नहीं होता उन्हे,
और कहते है उन्हे दुनिया के लोग बड़े स्वार्थी होती है,
जिंदगी कहती हैं, नजर आगे तो बढ़ा, नजारे , अनुभव और भी बहुत होती है,,,,,