बंध कमरे सा
बंध कमरे सा प्यार आज का ,
खुले मैं कहा आजकल सांस लेता है ।
बिस्तर तक की मोहब्बत निभाने
वाला अपने आप को सच्चा आशिक कहता है ।।
मिल जाए कभी इसका जिस्म ,या उसका जिस्म
अपने दिमाग मैं लेकर , प्यार का क्या खूब नाटक
ये दिल करता है ।।।
खुले मैं कहा आजकल सांस लेता है ।
बिस्तर तक की मोहब्बत निभाने
वाला अपने आप को सच्चा आशिक कहता है ।।
मिल जाए कभी इसका जिस्म ,या उसका जिस्म
अपने दिमाग मैं लेकर , प्यार का क्या खूब नाटक
ये दिल करता है ।।।