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विष्णु अवतार फिर आया था...
जब इंद्र के प्रकोप से,
सारा गोकुल पानी में समाया था,
तब उसने अपनी उंगली पे,
गोवर्धन पर्वत उठाया था।

जब दूत को बंदी बनाने का,
ख्याल दुर्योधन को आया था,
तब उसने गुस्से में आकर,
अपना विकराल रूप दिखलाया था।

जब मोह से भटके अर्जुन को,
उसने गीता ज्ञान सुनाया था,
तब जाके अर्जुन ने रणभूमि में,
अपना धनुष उठाया था।

वासुदेव, केशव जैसा अनेक नामो में,
उत्तम नाम उसका कृष्ण कहलाया था,
द्वापरयुग में धर्म बचाने,
विष्णु अवतार फिर आया था।
© Sanad Jhariya