...

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अमर सुहागन रहे।
ब्रह्मा की स्याही सरस्वती की रचना है प्रेम
वक्त का दिया अनमोल उपहार है यह प्रेम।

रब की अभिलाषा में बन आया है तेरा प्रेम
जन्मों के सफ़र का सम्पूर्ण मिलन है प्रेम।

अलौकिक प्रेमविवाह जैसे सियाराम रचाई
बांध अटूट बंधन में तुम्हें आशिर्वाद बरसाई।

देख दोनों का प्रेम चांद शरमाए चांदनी रूठे,
धरती आसमां खोए इंद्र का सिंहासन डोले।

अमर सुहागन रहे सुख समृद्धि खूब बरसे,
वर्षगांठ बधाई शिवशक्ति"सुनि "लेखनी से कहे।


#suni

© Sunita barnwal