मायके में छुट्टियां...
हां मैं भी छुट्टियां लेती हूं
हां मैं भी मेरे घर जाती हूं
ना, मैं कॉलेज स्कूल में नहीं पढ़ती
ना, ऑफिस से छुट्टी की बात नहीं
मैं एक बहू हूं भारतीय
और मायके जाती हूं छुट्टियों पर
मायके जाना छुट्टी जैसा ही तो लगता है
वहां का हर इंसान दीवार सोफ़ा
प्रेम से मेरा स्वागत करता है
वहां की धूप मेरी परछाई को समेट कर रखती है
जब जाऊं तो मुझे एक सहेली मिलती है
मेरा वो कमरा, उस अलमारी में रखीं
मेरी चीज़ें जो समेटी थी कितनी ही यादें
आज भी रखा है मां ने मेरा तकिया कवर
मेरी डायरी मेरी वो लाल...
हां मैं भी मेरे घर जाती हूं
ना, मैं कॉलेज स्कूल में नहीं पढ़ती
ना, ऑफिस से छुट्टी की बात नहीं
मैं एक बहू हूं भारतीय
और मायके जाती हूं छुट्टियों पर
मायके जाना छुट्टी जैसा ही तो लगता है
वहां का हर इंसान दीवार सोफ़ा
प्रेम से मेरा स्वागत करता है
वहां की धूप मेरी परछाई को समेट कर रखती है
जब जाऊं तो मुझे एक सहेली मिलती है
मेरा वो कमरा, उस अलमारी में रखीं
मेरी चीज़ें जो समेटी थी कितनी ही यादें
आज भी रखा है मां ने मेरा तकिया कवर
मेरी डायरी मेरी वो लाल...