...

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मुखौटा
चेहरे पे मुखौटा लगाये रहते हैं,
मुझे मेरे अपने भी अब पराये लगते हैं|

सामने से मुस्कुराहट,छूपकर आंसू देते है,
क्यों मेरे सामने वाले अब दुश्मन लगते हैं|

सामने से प्यार ,छूपकर वार करते हैं,
क्यों मुझे मेरे अब कातिल लगते हैं|

सामने से मोहब्बत का दावा, छुपकर धोखेबाजी करते हैं,
क्यों मेरे दिल में रहने वाले मुझे बेवफा लगते हैं||

चेहरे पे मुखौटा लगाये रहते हैं,
मुझे मेरे अपने भी अब पराये से लगते हैं!!


© hema singh __