...

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पंछि
उड़ती हुं खुले आसमान में
जिती हुं संग अपनों के,
ना दूर करो अपनी एक मुस्कान के लिए।
आजाद रहना चाहती हुं
जिना चाहती हुं,
ना रोको अपनी एक मुस्कान के लिए।
पंछि हुं ना कोई...