कागज़ के फूल
"वो खामोश सा मंज़र,
वो बेहोश सी हवाएं,
वो बेहद सा इश्क़,
वो बेपनाह की पनाहें ,
बहुत रोए देखकर मुसाफिर!
वो कागज़ के फूल,
और वो बेवफा की अदाएं "
© Musafir
वो बेहोश सी हवाएं,
वो बेहद सा इश्क़,
वो बेपनाह की पनाहें ,
बहुत रोए देखकर मुसाफिर!
वो कागज़ के फूल,
और वो बेवफा की अदाएं "
© Musafir