दीप
एक दीप तेरे नाम का भी जलाया है,
शायद इस तरह तुझे खुदमे पाया है,
जब भी उठाए हाथ दुआओं में मैंने,
हर एक आयत...
शायद इस तरह तुझे खुदमे पाया है,
जब भी उठाए हाथ दुआओं में मैंने,
हर एक आयत...