...

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पहचान
#पहचान
बनेगा जो सास्वत वही आधार होगा,
पहचान तेरा नाम अपितु काम होगा;
आख़िरी सांस लेने से पहले,
एक बार फिर सोच ले
तेरे सपनो का
तेरी उम्मीदों का क्या होगा
हार मानना तेरी फितरत मे नही
रूक गया जो तू
फिर तेरे हौसलों का क्या होगा
पूनम के चाँद को
यूँ अनदेखा न कर ए मुसाफिर
अमावस की रात ढल चुकी है
वो तेरे साथ को तरसे
उन चाँद तारों का क्या होगा
पहचान जो तेरी है
बस वो तेरी ही है
तू खूद को यूँ निराश न कर
बस ये याद रख
तू टूट गया तो
तेरे कदमों के निशां पर
चलने वालो का क्या होगा ।
sangeeta ( chandny)
11/4/2022