...

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तेरे रंग रूप पर लिखूं कविता ऐसी
तेरे रंग रूप पर लिखूं कविता ऐसी
तू बन जाए मेरी परियों जैसी

दिन भर तुझे देखता रहूं
इसी आस में बस खिड़की से झाकता रहूं

बस तुझे ही मै प्यार करु
जीवन भर तेरे साथ रहू

जो भी मंगे तू मन्नत से
वो खुवाईश तेरी
मै पूरी करू

तुझे जब भी मै चाहूं
अपनी बाहों में पाऊ

कभी ना में तुझे रुलाऊ
हमेशा तुझे बस खुश पाऊं

हालांकि मै भगवान नहीं हूं
प्यार तुझे मै जन्नत वाला दिखाऊं

निहारू जुल्फों को तेरी ऐसे
तेरी गोद को बिस्तर समझकर सो जाऊं

खो जाऊं तेरे सपनों में
और जब उठू भरपूर प्यार में पाऊं।।

(और पढ़ने वालों की आंखों में
प्यार बरसाऊं
ठंडे पानी से सारे दोष भागाऊं 🤪)

👉❣️👈

© gloomy_heart___