देखी है
राह में चलते ही चलते उनकी राह देखी है,
ठोकर लगी पैरों में तो अपनी आह देखी है.
निकले जो बाद में और मंज़िल भी पा गए,
ऐसे कदमों के लिए दुनिया की वाह देखी है.
इरादे, मजबूरियां, दुश्वारियां भी हैं सफ़र में,
दफ़्न हमने राह में कई शाहों की...
ठोकर लगी पैरों में तो अपनी आह देखी है.
निकले जो बाद में और मंज़िल भी पा गए,
ऐसे कदमों के लिए दुनिया की वाह देखी है.
इरादे, मजबूरियां, दुश्वारियां भी हैं सफ़र में,
दफ़्न हमने राह में कई शाहों की...