...

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जीवन का सत्य
सौ साल का जीवन जिया है मैंने ,
उसे ही सोच रहा हूं,
मैं अपने इस जीवनकाल में,
कुछ अलग सा खोज रहा हूं।

आम था जीवन मेरा,
इस आम में कुछ खास नहीं है,
बता तो दूंगा मैं आप लोगों को,
पर इसमें कुछ अलग एहसास नहीं है।

जो जीवन जिया है मैने,
क्या इसका कोई अर्थ है?
कोई खास याद याद नहीं आ रही,
क्या यह जीवन व्यर्थ है?

क्या मेरे जाने के पश्चात,
लोगों मेरी याद आएगी?
क्या मेरी नाम की पतंग,
इस विशाल अनंत आकाश में कहीं खो जाएगी?
क्या सोचेंगे ये लोग, जब उन्हें समझ आए,
की अविशिष्ट था जीवन मेरा,
क्या...