...

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💛बदलाव ज़रूरी है💛
हाँ! अभी ठोकरें खा रहा हूँ,
पर धीरे-धीरे संभल जाऊंगा..
मैं भी बदलते वक्त के साथ,
पूरी तरह बदल जाऊंगा..

ढल जाते हैं वो मौके के मुताबिक,
जिनकी फ़ितरत है पल-पल बदल जाने की,
हो चुके हैं सब आदी जिसके,
मैं भी उसी सांचे में ढल जाऊंगा..

मुझे मुट्ठी में न कैद कीजिये,
मैं रेत सा फिसल जाऊंगा..
सब देखते रह जाएंगे,
मैं सामने से निकल जाऊंगा..
𝖘𝖍𝖆𝖐𝖙𝖎
© #socialsaintshakti