...

4 views

वो रात
वो रात क्या फिर आएगी?
जब चांद पूरा था और में भी,
जब आसमान में सिर्फ तारे थे बादल नही,

वो रात क्या फिर आएगी?
जब तुम मेरे टूटे हुए टुकड़ों से अपना घर बनाए थे,
दूसरो की तरह समेटकर जलाए नही,

वो रात क्या फिर आएगी?
जब हसी, आंसू भुला देती थी,
बारिश में रोना पढ़ता नही,

वो रात क्या फिर आएगी?
जब तुम मेरे थे,
किसी और के साथ नही।


© tuli