परछाई
जब मुझे मेरी तन्हाई डसती है
तब याद आती है एक एहसास
एक लड़की जो हमेशा हँसती है
और थी सदा हर वक़्त मेरे पास
मेरा पीछा नहीं छोड़ती थी वो
करती थी बेहद प्यार मुझसे
हटके अदाएं वाली मंचली थी वो
करता था मैं भी बहुत प्यार उस से
सवेरे सवेरे बहुत तंग करती थी
रात को उलझा देती मुझे उसकी बातों में
काम के बीच बीच में मुझे बुलाती थी
गुस्से में आकर उसे छोड़ दी मैं
अब चाहे जो भी नया रिश्ता मेले मुझे
करने लगा हूँ महसूस मैं हमेशा तन्हाई
याद आने लगा वो प्यारी सी अदाएं मुझे
वो मेरी मंचली, मेरी अपनी परछाई!
© Krishnan
#shadow #Kavita #hindipoetry #Love&love💞 #poetrylovers #poetrycommunity
तब याद आती है एक एहसास
एक लड़की जो हमेशा हँसती है
और थी सदा हर वक़्त मेरे पास
मेरा पीछा नहीं छोड़ती थी वो
करती थी बेहद प्यार मुझसे
हटके अदाएं वाली मंचली थी वो
करता था मैं भी बहुत प्यार उस से
सवेरे सवेरे बहुत तंग करती थी
रात को उलझा देती मुझे उसकी बातों में
काम के बीच बीच में मुझे बुलाती थी
गुस्से में आकर उसे छोड़ दी मैं
अब चाहे जो भी नया रिश्ता मेले मुझे
करने लगा हूँ महसूस मैं हमेशा तन्हाई
याद आने लगा वो प्यारी सी अदाएं मुझे
वो मेरी मंचली, मेरी अपनी परछाई!
© Krishnan
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