मोहब्बत
कितनी अजीब है ना यह मोहब्बत
किसी की यादें तो किसी का नफ़रत बन जाती है
किसी का सकून तो किसी का तड़प बन जाती है
कभी दो अजनबी एक हो जाते है तो
कभी साथी अजनबी हो जाते है
उनकी हर बात पर मुस्कान आ जाती
कभी उनकी हर बात,याद बनके सताती रुलाती...
किसी की यादें तो किसी का नफ़रत बन जाती है
किसी का सकून तो किसी का तड़प बन जाती है
कभी दो अजनबी एक हो जाते है तो
कभी साथी अजनबी हो जाते है
उनकी हर बात पर मुस्कान आ जाती
कभी उनकी हर बात,याद बनके सताती रुलाती...