कभी तो हम साथ थे
बड़ा मुश्किल सा वक्त था ,बड़े मुश्किल से हालात थे।
हिज्र की आंधी हीं कुछ ऐसी थी न पतझड़ थे ना बरसात थे।
क्या शिकायत मैं तुमसे करूं ,जब तूने ही कोई शिकायत ना किया।
वर्ना शिकायतों के फ़ेहरिस्त तो हम दोनों के पास इफ़रात थे।
बिछड़ गए ये और बात है पर कभी तो हम साथ थे।
तेरे जाने से हीं तो रंग सारे फीकें रहने लगे मेरे हयात के।
लब्ज़ अब...
हिज्र की आंधी हीं कुछ ऐसी थी न पतझड़ थे ना बरसात थे।
क्या शिकायत मैं तुमसे करूं ,जब तूने ही कोई शिकायत ना किया।
वर्ना शिकायतों के फ़ेहरिस्त तो हम दोनों के पास इफ़रात थे।
बिछड़ गए ये और बात है पर कभी तो हम साथ थे।
तेरे जाने से हीं तो रंग सारे फीकें रहने लगे मेरे हयात के।
लब्ज़ अब...