क्यों
जाना है तो जाएं,
फिर क्यों छोड़ जाते हैं
अपने निशान,
अगर रहना नहीं था दिल में,
तो फिर क्यों जगह बना बैठ ते हैं
दिल के किसी कोने में
बिन कुछ कहे यूं चुपके से
किसी अनजाने मुसाफिर की तरह
© Dr. Jyoti Prakash Rath
फिर क्यों छोड़ जाते हैं
अपने निशान,
अगर रहना नहीं था दिल में,
तो फिर क्यों जगह बना बैठ ते हैं
दिल के किसी कोने में
बिन कुछ कहे यूं चुपके से
किसी अनजाने मुसाफिर की तरह
© Dr. Jyoti Prakash Rath
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