...

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छोड़ कर चले,,,
आज किसी ने बहुत सुंदर बात कही है,,
dedicated to the same person 💞‼️


इस जिस्मानी काले जंगल को पीछे छोड़ कर चलें
तन का मिलना जरूरी नहीं है रिवायत तोड़ कर चलें

क्या जरूरी है उंगलियों का उंगलियों से उलझना
क्यों ना एक दूसरे के एहसासों को ओढ़ कर चलें

माना कि मुमकिन नहीं है उस तक पहुंचने का सफर
फिर भी दिल कह रहा है कि उस तरफ दौड़ कर चलें

शायद दिख जाए वो खड़े कहीं किसी मोड़ पर
चल आज गाड़ी ऐसे ही गलियों से मोड़ कर चलें


© char0302