...

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सपनें फिर यादें न बन जाए
सपनें यादें बन कर रह गए,
दृग दंसु अश्रु बन कर बह गए,
हृदय मेरी प्रतिध्वनि बन कर कह गए,
हर लम्हा नई ख्वाब बुनती है तू,
बसा न लेना उन ख्वाबों को अपने नयन में तू,
इतिहास फिर जीवित न हो जाए,
सपनें फिर यादें न बन जाए,
उसे तेरी बंद ऑंखें ही पुरा कर पाए ||
#poetry #sadness #nohope