अलविदा
#अलविदा
अलविदा कहूं तो भी कैसे कहूं
दिल बेचैन है तेरे जाने से
तुझे रोकू भी तो कैसे रोकू
ये फ़रियाद है आज जमाने से
मन मे अजीब सी उलझन है
और होठो पर कई बंदिशे
मानों जैसे मेरे हाथो मे
जकड़ी हुई हो जंजीरें
दिल बेचैन है तेरे जाने से
अब अलविदा कहूं क्या...
मैं इस जमाने से.....
अलविदा कहूं तो भी कैसे कहूं
दिल बेचैन है तेरे जाने से
तुझे रोकू भी तो कैसे रोकू
ये फ़रियाद है आज जमाने से
मन मे अजीब सी उलझन है
और होठो पर कई बंदिशे
मानों जैसे मेरे हाथो मे
जकड़ी हुई हो जंजीरें
दिल बेचैन है तेरे जाने से
अब अलविदा कहूं क्या...
मैं इस जमाने से.....