सांझ को निमंत्रण...
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
ये हकीकत है ना कोई सपना है,
तुझे तेरी मंजिल तक पहुंचाने,
पूरी कायनात का काफिला निकला है,
तू चल क्यों रुका है,
लगा उस परिंदे की तरह उड़ान जो
उम्मीदों और हौसलों की उड़ान लेकर निकला है||
© Kajal Mishra ✍️
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
ये हकीकत है ना कोई सपना है,
तुझे तेरी मंजिल तक पहुंचाने,
पूरी कायनात का काफिला निकला है,
तू चल क्यों रुका है,
लगा उस परिंदे की तरह उड़ान जो
उम्मीदों और हौसलों की उड़ान लेकर निकला है||
© Kajal Mishra ✍️