...

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मुहब्बत बेवफ़ा नही है मेरी
#WritcoPoemChallenge
As far as a letter goes,
It was nondescript,
The message it carried was sinister
मुहब्बत बेवफ़ा नही है मेरी कैसे बया। करू ,
तु समझ नहीं पाता मुझको ,
मैं समझा नहीं पाती तुझको बस यही खता है मेरी ,
मुहब्बत बेवफ़ा नही है मेरी कैसे
बया करू,
जाना तेरी आँखों की ये मस्ती ,
किसी और के लिए है रहती ,
पर मेरी आंखों की मस्ती , तेरे लिए ही है रहती,
जाना एहसास तो कर मुझको ,
मुहब्बत है ये मेरी ,
आँखों से पढ मुझको,
मुहब्बत बेवफ़ा नही है मेरी,
पत्नी हूँ मैं तेरी तो क्या हुआ,
दोस्त भी समझ,
एक एहसास हूँ मै खुली हुई ,
मेरे अरमान को समझ ,
इनसानियत का रिश्ता मेरा,
सभी से है जुड़ा हुआ,
यार नही है मेरा कोई,
तेरे प्यार के सिवा,
मुहब्बत बेवफ़ा नही है मेरी
इस बार तो समझ,
न जाने कहाँ रहूँ मैं कल ,
अब बता कैसे बया करू ,
मुहब्बत बेवफ़ा नही है मेरी।