...

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पिता ...
बाजारीकरण के इस दौर में,
रिश्तो का भी बाजारीकरण हो गया,
और कल पिता के लिए,
सम्मान का दिन तय हो गया ।
ढेरों शुभकामनाओं से भरे संदेशों का,
आना मानो सब एक लय में हो गया...