अंत भला तो सब भला
एक छोटी सी जिंदगी में
एक पल की कहानी को
दिल से लगा बैठते हैं
न जाने कितने अरमां
इन आंखों में सजा बैठते हैं
कहां मालूम पड़ता है
एक पानी के बुलबुले सा यह ख़्वाब
कब हक़ीक़त की हवा से टूट जाए
पर हम फिर भी खुद को
खुली आंखों से सपने दिखा बैठते हैं
कितना मासूम होता है हमारा दिल
जो सबको अपना...
एक पल की कहानी को
दिल से लगा बैठते हैं
न जाने कितने अरमां
इन आंखों में सजा बैठते हैं
कहां मालूम पड़ता है
एक पानी के बुलबुले सा यह ख़्वाब
कब हक़ीक़त की हवा से टूट जाए
पर हम फिर भी खुद को
खुली आंखों से सपने दिखा बैठते हैं
कितना मासूम होता है हमारा दिल
जो सबको अपना...