...

5 views

आत्मसात्......
सत्य से बढ़कर
दुसरा कोई गुण नहीं है
सत्याचरण अभ्यास जैसा
दुसरा कोई अनमोल धन नहीं है
अन्न से बढ़कर
दुसरा कोई तृण धान्य नहीं है
सात्विक आहार जैसा
दुसरा कोई भोजनजन्य नहीं है
सहजता, सजगता तथा समत्वदर्शिता
आत्मसात् करके देखिए
जिंदगी में हरपल-हरक्षण
दिव्यतम ,सुख-शांति एवं आनंदमय

© आत्मेश्वर