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राधे ✍🏻✍🏻✍🏻
काँधे पर शीश धरे राधा, और मुख पर प्रेम की तृष्णा हो !
तुम पराकाष्ठा भक्ति की, कैसे न तुम्हारा कृष्णा हो !!
है भक्ती का आधार प्रेम, सब जाने ये बात भली भाँती !
जो राधे कहें वो कृष्णा सुनें, हर बात लगे जैसे पाती !!
दोनों की बातें सुन सुन कर, यमुना मैया लह लहलाती !
है व्यापक निश्छल प्रेम सदा, केहु भाँति न वर्णन हो पाए !
जो भाँती हो अर्पण भावों का, कहीं और न अर्पण हो पाए !!
है रूप अलग इस प्रेम के भी, समकक्ष है महिमा ईश्वर के !
एक प्रेम अनश्वर है नाता, बाकी सब रिश्ते हैं नश्वर ये !!
राधा नाम बड़ा जग में, तिन नाम की बंशी बजावत केशव !
प्रेम है शक्ति है प्रेम विरक्ती, प्रेम उबारत प्रेम है खेवत !!
भगवन मिले मानुष तन में,जो प्रेम सहित भगवत को सेवत !
प्रेम है अद्भुत राज निषाद का, जो हैं एक साधारण केवट !!
प्रेम में साहस है श्रीराम सा, लंका जारी सिया लई आये !
मार्ग जो दुर्गम मिलना मुश्किल, प्रेम से वो तत्क्षण मिल जाये !!

© VIKSMARTY _VIKAS✍🏻✍🏻✍🏻