...

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प्यार जन्मों का है
कुछ तो बात होगी उसमें,
यूं ही हर ओर चर्चा थोड़ी है।
मैं तलबगार हूं उसका राह है मेरी,
उसपे जां छिड़कना खर्चा थोड़ी है।
उसके याद में दिन गुजार रहा हूं पागल नहीं हूं,
ये प्यार जन्मों का हैं कोई अर्सा थोड़ी है।।

अरुण कुमार शुक्ल