सन्देश
भ्रान्ति को इस भांति फैला मत,
शत्रु की जैसे तू मुझे बुला मत।
एक तो मन से अत्यंत ही व्युष्ट हूँ मैं,...
शत्रु की जैसे तू मुझे बुला मत।
एक तो मन से अत्यंत ही व्युष्ट हूँ मैं,...