क्यों रूठ गए वे
रुठे हुए है वे
हक भी है
आखिर
प्यार का एहसास भी
उन्होंने ही कराया है।
आंसू अपने
मुझसे छुपा रहे है वे
दर्द सहते हुए भी
मुस्कुरा रहे है वे
अपनी उदासीनता
अपनी नाराजगी
कुछ यूं
खामोशियों से
दर्शा रहे है वे
कहने को बहुत कुछ है ।
मन मे बातो का
उथल पुथल है
फिर भी नज़रें छुपाये
मुझसे दूर रहने का
खेल
रच रहे है वे
यू तो नही की...
हक भी है
आखिर
प्यार का एहसास भी
उन्होंने ही कराया है।
आंसू अपने
मुझसे छुपा रहे है वे
दर्द सहते हुए भी
मुस्कुरा रहे है वे
अपनी उदासीनता
अपनी नाराजगी
कुछ यूं
खामोशियों से
दर्शा रहे है वे
कहने को बहुत कुछ है ।
मन मे बातो का
उथल पुथल है
फिर भी नज़रें छुपाये
मुझसे दूर रहने का
खेल
रच रहे है वे
यू तो नही की...