...

33 views

क्यों रूठ गए वे
रुठे हुए है वे
हक भी है
आखिर
प्यार का एहसास भी
उन्होंने ही कराया है।

आंसू अपने
मुझसे छुपा रहे है वे
दर्द सहते हुए भी
मुस्कुरा रहे है वे

अपनी उदासीनता
अपनी नाराजगी
कुछ यूं
खामोशियों से
दर्शा रहे है वे

कहने को बहुत कुछ है ।
मन मे बातो का
उथल पुथल है
फिर भी नज़रें छुपाये
मुझसे दूर रहने का
खेल
रच रहे है वे

यू तो नही की
डाट दे
जोर से दो फटकार दे
नाराज़गी रख ही ली है
तो
ज़ाहिर करने में
न जाने कई
झुटला रहे है वे

मौन रह कर तो
स्वयं को
और भी चोट
पहुंचा रहे है वे

ना जाने क्यो
मेरी गलती की सज़ा
स्वयं
भुगत रहे है
दुखो को भी मुस्काते हुए
घुट घुट कर
पी रहै है वे।

अब सिर्फ इशारों में ही
बतिया रहे है वे
नज़दीक होते हुए भी
दूरियों को अपना रहे है वे।

न जाने क्यों खामोश है वे
न जाने क्यों
दो थप्पड़ लगा डाट कर
तस्सली नही ले लेते वे।।

शायद
कुछ ग़लतियो की सज़ा
सिर्फ खामोशी ही
होती हो।।...........।।।।।........



#heatbreak
© IwriteWHATtheTruthIS