12 साल बेइंतहा मोहब्बत के
प्यार हो गया है बेइंतहा , हो गई है शायद भूल।
अपने लिए हमसफर चुनकर ,करदी है शायद मैंने भूल।
मैंने तो खुशियां ही चाही थी ,पर लगता है ये न था खुदा को मंजूर ।
कितना विश्वास था...
अपने लिए हमसफर चुनकर ,करदी है शायद मैंने भूल।
मैंने तो खुशियां ही चाही थी ,पर लगता है ये न था खुदा को मंजूर ।
कितना विश्वास था...