...

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ये जिंदगी
कहीं मिलता अधूरा ख्वाब सा तो
कहीं मिलता जवाब सा है जिंदगी ।।

तेरा शुक्रियांना करूं या फिर शिकायतें
कुछ समझ नहीं आता है जिंदगी ।।

तेरी मेहरबानी है जो भी मिला मुझे फिर
क्यों ये नाराजगी तुझसे ही है जिंदगी ।।

कहीं मिलता अधूरा ख्वाब सा तो
कहीं मिलता जवाब सा है जिंदगी ।।

माना अच्छी बुरी हर वक्त से सीचा है तूने
फिर क्यों गम के पल ज्यादा दिए हैं जिंदगी ।।

माना तुझसे शिकायतें रोज होती
फिर तू परेशान नहीं होती है जिंदगी।।

कहीं मिलता अधूरा ख्वाब सा तो
कहीं मिलता जवाब सा है जिंदगी ।।
© Namrata Mahato