...

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मासूम जिया
जब भी कोई कहानी पढ़ी
सोचा हूं मैं कोई हसीन परी
जादु की छड़ी मिल जाए अगर
दुनिया को बनादूंगी खुशियों का महल

घूमते फिरते गुनगुनाते
पहुंची मैं तो समुंदर किनारे
लहरे देखकर मन मुस्कुराया
पंछी बनकर उड़ता फिर रहा

फिर किसीने हाथ थामा
लगा मेरा सपनों का राजकुमार आया
मान बैठी उसीको सबकुछ
उसके खुशी को सरांखो पे बिठाया

वक्त बिता पता न चला
बुद्धू है मेरा मासूम जिया
किसीने दुनिया के सामने उसकी रौनक के खातिर
मुझे बस एक सामान की तरह इस्तेमाल किया।




© fiery_fairy