...

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#समाधान
#दूर
दूर फिरंगी बन कर घूम रहा कोई,
मन बंजारा कहता है ढूंढ रहा कोई;
वृक्ष विशाल प्रीत विहार कर रहा कोई,
मोहिनी मुस्कान निहारने को बेचैन हो रहा कोई,

है संगीत अगर मधुर तो ताल खोज रहा है कोई;
है मन में आशा जीत की तो जंग ढूंढ रहा है कोई,
चलना है अगर बन कर राही तो ठहराव ढूँढ रहा है कोई;
चलते-चलते इस जीवन में समाधान ढूँढ रहा हर कोई.

© ajeetkikalam