कह नहीं पाते...
कहने वाली बातें ही कभी कह नहीं पाते,
नक़ाब ओढ़ लेते लफ़्ज़ वो बह नहीं पाते।
इसकी-उसकी सोच दफ़्न रहते एहसास,
जज़्बात उनसे मिले ज़ख़्म सह नहीं पाते।
सुन मिश्री से...
नक़ाब ओढ़ लेते लफ़्ज़ वो बह नहीं पाते।
इसकी-उसकी सोच दफ़्न रहते एहसास,
जज़्बात उनसे मिले ज़ख़्म सह नहीं पाते।
सुन मिश्री से...