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दीपक ने अधंकार से कहा
ऐ अधंकार,
तू भरता है, क्यों हुंकार,
तू समझता है,
खुद को होशियार,
तू खुद की डींगे मारता बार-बार ,
तेरी क्या है, औकात,
अगर मैं आ जाऊं तेरे पास,
तू भाग खड़ा होगा अपने द्वार,
ऐ अधंकार ,
तू आता है अंधेरे में,
हिम्मत है, तो आ मेरे सामने,
तुझे दिखाऊंगा तेरी औकात,
तू भाग खड़ा होगा अपने द्वार,
ऐ अधंकार,
तू भरता है,क्यों हुंकार,।"🌹
दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं।🎆🎇✨
तू भरता है, क्यों हुंकार,
तू समझता है,
खुद को होशियार,
तू खुद की डींगे मारता बार-बार ,
तेरी क्या है, औकात,
अगर मैं आ जाऊं तेरे पास,
तू भाग खड़ा होगा अपने द्वार,
ऐ अधंकार ,
तू आता है अंधेरे में,
हिम्मत है, तो आ मेरे सामने,
तुझे दिखाऊंगा तेरी औकात,
तू भाग खड़ा होगा अपने द्वार,
ऐ अधंकार,
तू भरता है,क्यों हुंकार,।"🌹
दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं।🎆🎇✨
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