हमारे प्यारे कान्हा जी
भारी बारिश में जन्म लिया,
वासुदेव ने टोकरी में गोकुल पहुँचाया।
यमुना की लहरें शांत हुईं,
शेषनाग ने रक्षा का वादा निभाया।
गोकुल में बाल गोपाल बने,
माखन चुराकर सबका दिल जीता,
पूतना का वध किया बालक बनकर,
सबके प्यारे बने, बाल गोपाल बनकर।
देवकी-यशोदा के दुलारे,
वासुदेव-नंद बाबा के प्यारे,
स्नेह मिला पुत्र बनकर।
बलराम-सुभद्रा के संग खेल-खेल में,
छोटी-बड़ी शैतानी की भाई बनकर।
कंस का वध कर मथुरा को मुक्त किया,
भांजा बनकर धर्म निभाया।
गुरु संदीपनी से शिक्षा पाई,
शंखासुर का वध कर उनके पुत्र को...