...

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भारत
है कहाँ? पुरुषार्थ तेरा सो रहा
है राहा ललकार काल, तू रो रहा
उठाओ गांडीव, भारत युद्ध करो
निश्काम राखो भव, निश्चिंत जय करो
क्यो विकल हो? समर के कोप से
क्यू मचल जाते हो काल के प्रकोप से
लाभ या लाभ से, खुद को एकल करो
निज अहम को त्याग, निश्चित जय करो
एक ही जीवन है, मृत्यु नहीं
जन्मो के कर्मों का, ये बंधन है
धर्म अर्थ काम से ही मोक्ष का लाभ करो
चुनो सत्य मार्ग, निश्चित जय करो
सुरभि त्रिपाठी