...

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हे गुरु तुम्हे प्रणाम.....
गुरु जीवन है धुरी हमारा , जो अच्छे बुरे की कराता पहचान।
अंतरिक्ष तक मानव को पहुचा दिया , गुरु का ज्ञान विज्ञान।।

गुरु है भगवान से ऊंचे , इनके बिना अधूरा संसार है।
गुरु नही तो कुछ नही है , यही जीवन के आधार है।।

कुछ ऐसा दो आशीर्वाद हमे , कि जग में हो जाये मेरा भी नाम।
हे गुरु तुम्हे प्रणाम , हे गुरु तुम्हे प्रणाम।।
कोटि कोटि वंदन अभिनन्दन करता है श्याम।
हे गुरु तुम्हे प्रणाम , हे गुरु तुम्हे प्रणाम।।

# गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें।


© कवि श्याम प्रताप सिंह