...

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दोराहे!
अक्सर हम सभी जिंदगी में कभी ना कभी दोराहे पर खुद को खड़ा पाते हैं,
फिर हमे चुनाव करना पड़ता है एक राह का .....
राह जहां जीवन है पर प्रेम नहीं,
या फिर
जीवन है संघर्ष भरा पर साथ है प्रेम भी ।

तिरस्कार से भरे दिन,
या फिर
स्वाभिमान भरें कुछ छण ही।

साथ होते हुए भी एकेलापन ,
या फिर
सचमुच का खालीपन

चमक -धमक वाला जीवन
या फिर
मन की शांति भरें दिन

यह चुनाव निर्भर करता है,
विचारों पर और ‌संस्कारों पर,
और हमारी लड़ने की शमता पर।



© Himani