...

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कुछ पंक्तियां उसके याद में *_*
वो पहले शक्स हो तुम जिसको मैंने चाहा था,
खुद से बढ़कर मैंने किसी और को माना था।

खानदान का डर तो था ही मन में, लगता था,
और किसी से ना होगी मुहब्बत इस जग में।

खानदान की शान को गिरवी रख दिया मैंने तुम्हारे हक...