पसंद
"मैं आफ़ताब हूँ मगर नमी पसंद है
जला हूँ बहुत इसलिए चाँदनी पसंद है।
बुझाने से बढते जाएगी...
जला हूँ बहुत इसलिए चाँदनी पसंद है।
बुझाने से बढते जाएगी...