नज़ारा
वो चाँद सारी रात देखा था मैने
बड़ा ही अजीब नज़ारा देखा था मैने
पिघलती चाँदनी के वश में होकर
चाँद को शरमाते देखा था मैने
काली चादर की फैली बाहों...
बड़ा ही अजीब नज़ारा देखा था मैने
पिघलती चाँदनी के वश में होकर
चाँद को शरमाते देखा था मैने
काली चादर की फैली बाहों...