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जीवनपथ
यूँ गुज़र रहा वक़्त लम्हा लम्हा,
रेत में समा रही हो ज़िंदगी कोई,
एक पल लगता खूबसूरत है जिंदगी,
अगले पल दुश्मन बन जाती ज़िंदगी,
साथ छोड़ देते अपनें नाक़ामयाबी में,
ग़ैर लगा लेते सीने से अर्श पर पहुँचने पे,
सब नियोजन विफ़ल दिखाई देते है,
कभी कभी बिन चाहें सब काम बनते है,
© feelmyrhymes {@S}
रेत में समा रही हो ज़िंदगी कोई,
एक पल लगता खूबसूरत है जिंदगी,
अगले पल दुश्मन बन जाती ज़िंदगी,
साथ छोड़ देते अपनें नाक़ामयाबी में,
ग़ैर लगा लेते सीने से अर्श पर पहुँचने पे,
सब नियोजन विफ़ल दिखाई देते है,
कभी कभी बिन चाहें सब काम बनते है,
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